Friday, March 16, 2018

मेरी सोच...

जहां कदर नहीं वहां जाना नहीं।
जो पचता नहीं, वो खाना नहीं।
जो सत्य पर रूठे उसे, मनाना नहीं
जो नज़रों से गिरे, उसे उठाना नहीं।
मौसम सा जो बदले, दोस्त बनाना नहीं।
ये तकलीफें तो जिंदगी का हिस्सा है
डटे रहना पर कभी घबराना नही।🙏🙏

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