Saturday, August 27, 2016

छुप छुप के कही पोस्ट मेरी पढती होगी

छुप छुप के कही पोस्ट मेरी पढती होगी,
मेरी तस्वीरों से तंहाई मे लड़ती होगी ,
जब भी मेरी याद उसे आती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी....
किसी दुजे नाम से फेसबुक पे आई होगी,
ID कोई fake जरूर बनाई होगी,
कोई मुझमें कमी निकालेतो वो चिड़ती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी,
.मेरा हर अपडेट उसे अबभी युंही भाता होगा,
मेरा अक्स सामने उसके आही जाता होगा,
जब भी कोई बात उसकी बिगड़ती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी,.
लगी मेरी गजलों की लत वो कैसे छुटेगी,
डरते -डरते रिक्वेस्ट मुझे भेजी होगी,
क्युं छोड़ा मुझे कहकर खुद से झगड़ती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी,.
काश कहीं फिर से मिलजाए मुझे,
आकर फिर वही प्यार की बात चलाए मुझे,
सोच यही मंदिरों में माथा रगड़ती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी.....

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