Tuesday, February 18, 2020

मैं खफा हूँ पर चाहता हूँ वो मुझसे बात करे
मैं जुदा हूँ पर चाहता हूँ वो मेरे करीब रहे
मैं लाख गलत हूँ पर चाहता हूँ वो सही रहे
मैं चुप हूँ पर चाहता हूँ वो सदा बोलती रहे
जो दिल मे रहते थे वो दिमागों में भी नहीं जो निगाहों में रहते थे वो यादों में भी नहीं जो बातों में रहते थे वो अब वादों में भी नहीं जो आहों में रहते थे वो फरियादों में भी नहीं

Thursday, May 17, 2018

ज़िंदगी

ज़िन्दगी से लम्हे चुरा, बटुए मे रखता रहा!
फुरसत से खरचूंगा, बस यही सोचता रहा।

उधड़ती रही जेब, करता रहा तुरपाई
फिसलती रही खुशियाँ, करता रहा भरपाई।

इक दिन फुरसत पायी, सोचा .......खुद को आज रिझाऊं
बरसों से जो जोड़े, वो लम्हे खर्च आऊं।

खोला बटुआ..लम्हे न थे, जाने कहाँ रीत गए!
मैंने तो खर्चे नही, जाने कैसे बीत गए !!

फुरसत मिली थी सोचा, खुद से ही मिल आऊं।
आईने में देखा जो, पहचान  ही न पाऊँ।

ध्यान से देखा बालों पे, चांदी सा चढ़ा था।
था तो मुझ जैसा, जाने कौन खड़ा था।

Monday, April 9, 2018

हिदी शायरी

हम लोग भी कितने अजीब है...
निशानियाँ तो महफूज रखते है और लोगों को खो देते है।

वो दुश्मन बनकर मुझे जीतने निकले थे,
दोस्ती कर लेते तो मैं खुद ही हार जाता🙏🙏

Sunday, April 1, 2018

अकेले है वो...

अकेले हैं वो और झुँझला रहे हैं
मिरी याद से जंग फ़रमा रहे हैं

ये कैसी हवा-ए-तरक़्क़ी चली है
दिए तो दिए दिल बुझे जा रहे हैं

Saturday, March 17, 2018

काश...

मैं उस समय मे वापस जाना चाहता हूँ....

👉जहां ड्रिंक का मतलब सिर्फ "रसना" था
👉जहाँ सिर्फ "पापा" हीरो थे, अमिताभ नही
👉जहाँ माँ का प्यार ही असली प्यार होता था
👉जहाँ सबसे बड़ी दुश्मन मेरी बहन होती थी
👉जहाँ सबसे ऊंची जगह मेरे पापा के कंधे थे
👉जहाँ सिर्फ खिलौने टूटते थे कभी दिल नहीं

Friday, March 16, 2018

मेरी सोच...

जहां कदर नहीं वहां जाना नहीं।
जो पचता नहीं, वो खाना नहीं।
जो सत्य पर रूठे उसे, मनाना नहीं
जो नज़रों से गिरे, उसे उठाना नहीं।
मौसम सा जो बदले, दोस्त बनाना नहीं।
ये तकलीफें तो जिंदगी का हिस्सा है
डटे रहना पर कभी घबराना नही।🙏🙏