नामो-नामो पत्नी महारानी,
तुम्हारी महिमा कोई ना जानी... || 1 ||
हमने समझा तुम अबला हो,
पर तुम तो सबसे बड़ी बला हो... || 2 ||
जिस दिन हाथ मे वेलन आवे,
दिन पति खूब चिल्लावे.... || 3 ||
सारे बेड पे पत्नी सोवे,
पति बैठ सोफा पर रोवे.... || 4 ||
तुमसे ही घर मथुरा काशी,
और तुमसे ही घर सत्यानासी... . || 5 ||
पत्नी चलीसा जो न गावे,
सब सुख छोड़ परम दुख पावे...... || 6 ||
या पत्नी चालीसा पढ़कर, जो नर हसके रोवे,
उसी का बेड़ा पार होवे !! || 7 ||
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